Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -23-Oct-2022 नरक चतुर्दशी से संबंधित तथ्य

शीर्षक -नरक चौदस से संबंधित तथ्य

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष को आता त्यौहार,
नरक चौदस, रूप चौदस है इनका नाम,
छोटी दीवाली बच्चे कहते मन में भरते उत्साह।

यमराज के लिए दिया जलाने का विधान,
यमराज का भय होता समाप्त,
परिवार की नहीं होती मृत्यु अकाल।

12 दीपों की बनाये पंक्तियां,
छोटी दिवाली की मनाये खुशियां,
श्री कृष्ण की करे उपासना।

बढ़ गया था नरकासुर का पाप,
16000 स्त्रियों को रखा पाश,
ऋषि-मुनियों पर किए अत्याचार।

श्री कृष्ण से देवताओं ने की गुहार,
पृथ्वी पर कम करो पाप का भार,
नरकासुर का करो अंत आज।

नरकासुर का हुआ अंत,
श्री कृष्ण ने किया वध,
तब से मनाया जाता नरक चतुर्दशी का पर्व।

श्री कृष्ण ने 16000 कन्याओं की बचाई लाज,
किया कृष्ण ने उनसे विवाह,
16000 कन्याओं का किया उद्धार।

सोलह सिंगार करती महिला आज,
घर-घर दीप दान की परंपरा हुई आरंभ,
रूप चौदस भी कहा जाता इसलिए आज।

सूर्य उदय होने से पहले जागना,
स्नान करके साफ कपड़े है पहनना,
इससे यमलोक नहीं होता दर्शन।

सभी मनावे रूप चौदस,
यम का नहीं रहता डर,
धनधान्य से भरा रहता घर।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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9 Comments

Raziya bano

24-Oct-2022 10:01 AM

Bahut sundar rachna

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Punam verma

24-Oct-2022 09:37 AM

Very nice

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Abhinav ji

24-Oct-2022 08:51 AM

Very nice👍

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